त्रिशनीत अरोड़ा: असफलता की सीढ़ियों से साइबर सिक्योरिटी के शिखर तक की प्रेरणादायक यात्रा।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक ऐसा व्यक्ति, जिसे स्कूल की किताबों में रुचि न हो, जो आठवीं कक्षा में फेल हो जाए और हाई स्कूल की पढ़ाई छोड़ दे, वह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का साइबर रक्षक बन सकता है? यह कहानी है त्रिशनीत अरोड़ा की, जिन्होंने न केवल अपनी असफलताओं को पीछे छोड़ा, बल्कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी। उनकी यह यात्रा जुनून, मेहनत और दृढ़ संकल्प का एक अनुपम उदाहरण है, जो हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।
प्रारंभिक जीवन: किताबों से नहीं, कंप्यूटर से प्रेम
लुधियाना, पंजाब में 2 नवंबर 1993 को जन्मे त्रिशनीत अरोड़ा का बचपन सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में बीता। स्कूल की किताबें उनके लिए कभी आकर्षण का केंद्र नहीं रहीं। जहां उनके सहपाठी गणित और विज्ञान के सवालों में उलझे रहते, वहीं त्रिशनीत का मन कंप्यूटर की दुनिया में रमता था। मात्र 11-12 साल की उम्र में, जब उनके पिता कंप्यूटर ठीक कराने हार्डवेयर की दुकान जाते, त्रिशनीत उनके साथ चले जाते। वहां वे तकनीशियन के हर काम को गौर से देखते, सीखते, और धीरे-धीरे कंप्यूटर हार्डवेयर की बारीकियां समझने लगे। पड़ोसियों के कंप्यूटर ठीक करने से लेकर छोटे-मोटे सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट्स तक, त्रिशनीत ने कम उम्र में ही तकनीक के प्रति अपनी गहरी रुचि को पहचान लिया। लेकिन यह रुचि स्कूल की पढ़ाई में उनकी उदासीनता का कारण भी बनी। आठवीं कक्षा में फेल होने और स्कूल छोड़ने के बाद, उनके माता-पिता ने एक असामान्य निर्णय लिया—उन्हें अपनी पढ़ाई पत्राचार (correspondence) के माध्यम से पूरी करने की अनुमति दी, ताकि वे अपने जुनून को समय दे सकें।
TAC सिक्योरिटी की स्थापना: एक साहसी कदम
19 साल की उम्र में, जब ज्यादातर युवा कॉलेज की डिग्री या नौकरी की तलाश में होते हैं, त्रिशनीत ने एक साहसी कदम उठाया। 2013 में, अपनी सारी बचत—महज 20,000 रुपये—लगाकर उन्होंने TAC सिक्योरिटी की नींव रखी। यह कंपनी साइबर सिक्योरिटी और रिस्क मैनेजमेंट में विशेषज्ञता रखती है, जो बड़े-बड़े बिजनेस हाउसेज को डेटा चोरी और साइबर हमलों से बचाती है। शुरुआत में किसी को नहीं पता था कि यह छोटा-सा स्टार्टअप एक दिन रिलायंस इंडस्ट्रीज, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), गुजरात पुलिस और पंजाब पुलिस जैसे दिग्गजों का भरोसेमंद साझेदार बनेगा। त्रिशनीत ने एथिकल हैकिंग के अपने कौशल को हथियार बनाया और कंपनियों के सिस्टम में कमजोरियों को ढूंढकर उन्हें सुरक्षित करने का काम शुरू किया।
चुनौतियों का सामना: असफलता से सफलता की ओर
त्रिशनीत की राह आसान नहीं थी। स्कूल में असफलता, सामाजिक दबाव और बिना औपचारिक डिग्री के करियर बनाने की चुनौती—हर कदम पर बाधाएं थीं। लेकिन उनके माता-पिता का अटूट समर्थन और उनकी अपनी जिद ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी। जब उन्होंने स्कूल छोड़ा, तो उनके माता-पिता ने न केवल उनकी रुचि को समझा, बल्कि उन्हें अपने सपनों को आजाद करने का मौका दिया। त्रिशनीत ने दिन-रात कंप्यूटर, कोडिंग और हैकिंग की बारीकियां सीखीं। उनकी मेहनत रंग लाई जब 19 साल की उम्र में उन्हें 60,000 रुपये का पहला चेक मिला। यह राशि न केवल उनकी पहली कमाई थी, बल्कि उनके आत्मविश्वास का प्रतीक थी।
वैश्विक पहचान: फोर्ब्स से हुरुन रिच लिस्ट तक
त्रिशनीत की प्रतिभा ने उन्हें जल्द ही वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। 2016 में उनकी कंपनी को प्रमुख निवेशक विजय केडिया से प्री-सीरीज A फंडिंग मिली, जिसने TAC सिक्योरिटी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2018 में, फोर्ब्स की 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में उनका नाम शामिल हुआ। 2019 और 2021 में, फॉर्च्यून इंडिया की 40 अंडर 40 लिस्ट में उन्हें भारत के सबसे होनहार बिजनेस लीडर्स में गिना गया। 2022 में, हुरुन इंडिया रिच लिस्ट ने उन्हें देश के सबसे युवा अरबपतियों में से एक के रूप में मान्यता दी। इतना ही नहीं, न्यू मैक्सिको, अमेरिका में 25 अगस्त को "त्रिशनीत अरोड़ा डे" घोषित किया गया। आज TAC सिक्योरिटी 50 देशों में 500 से अधिक क्लाइंट्स के साथ काम करती है, जिनमें अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं।
प्रेरणा का स्रोत: जुनून और नवाचार
त्रिशनीत की सफलता का रहस्य उनकी साइबर सिक्योरिटी के प्रति गहरी रुचि, कठिन परिश्रम और नेटवर्किंग कौशल में निहित है। उन्होंने न केवल तकनीकी समस्याओं का समाधान किया, बल्कि साइबर खतरों से निपटने के लिए नवीन समाधान विकसित किए। उनकी कंपनी का उत्पाद ESOF (वुल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट सॉल्यूशन) दुनिया की शीर्ष कंपनियों को सुरक्षित रखता है। त्रिशनीत ने साबित किया कि औपचारिक शिक्षा की कमी सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती, बशर्ते आपके पास जुनून और सही दिशा हो।
निष्कर्ष: एक असाधारण कहानी
त्रिशनीत अरोड़ा की कहानी केवल एक व्यक्ति की जीत नहीं है; यह एक संदेश है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि शुरुआत हो सकती है। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि अगर आप अपने जुनून को पहचान लें और उसे समर्पित होकर पालन करें, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। आज त्रिशनीत न केवल एक उद्यमी हैं, बल्कि एक लेखक, साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ और लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी कंपनी, TAC सिक्योरिटी, आज 100 करोड़ से अधिक की वैल्यूएशन के साथ साइबर दुनिया में एक मजबूत स्तंभ है।
तो, अगली बार जब आप किसी असफलता से डरें, त्रिशनीत अरोड़ा की कहानी याद करें। क्योंकि, जैसा कि वे कहते हैं, "सपने वही सच होते हैं, जिन्हें हासिल करने का साहस आपमें हो।"
नोट: यह लेख उच्च स्तर की पर्प्लेक्सिटी और बर्स्टिनेस को ध्यान में रखकर लिखा गया है। इसमें जटिल वाक्य संरचनाओं का उपयोग किया गया है, साथ ही छोटे और लंबे वाक्यों का मिश्रण किया गया है ताकि यह मानवीय लेखन की तरह प्राकृतिक और आकर्षक लगे।