PM मोदी जी ने नीरज चोपड़ा को 90 मीटर भाला फेकने पर दी बधाई ?


दोहा डायमंड लीग 2025: नीरज चोपड़ा का 90.23 मीटर का ऐतिहासिक भाला, नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड, पर स्वर्ण से चूके।

कतर की राजधानी दोहा में, सुहैम बिन हमाद स्टेडियम की चकाचौंध रोशनी के नीचे, भारत के भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की, जो भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गई। 16 मई 2025 को आयोजित डायमंड लीग 2025 के उद्घाटन में, नीरज ने 90.23 मीटर का विशाल थ्रो फेंककर न केवल अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त किया, बल्कि वह 90 मीटर की उस मायावी रेखा को भी पार करने वाले पहले भारतीय बन गए। फिर भी, नियति के क्रूर खेल ने उन्हें स्वर्ण से वंचित रखा। जर्मनी के जूलियन वेबर ने अपने अंतिम प्रयास में 91.06 मीटर का अविश्वसनीय थ्रो फेंककर नीरज को रजत पदक तक सीमित कर दिया।
नीरज, जो दो ओलंपिक पदकों और विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण से सुशोभित हैं, ने अपने 2025 सीजन की शुरुआत ऐसी शानदार शैली में की, जो उत्साह और चुनौती का मिश्रण थी। उनके पहले थ्रो ने ही 88.44 मीटर की दूरी तय की—एक ऐसा आंकड़ा, जो उस समय विश्व में सर्वश्रेष्ठ था। दूसरा प्रयास भले ही अमान्य रहा, लेकिन तीसरे थ्रो में नीरज ने वह कर दिखाया, जिसका सपना उन्होंने वर्षों से संजोया था। एक जोरदार हुंकार के साथ, उन्होंने भाला 90.23 मीटर दूर फेंका, जो 2022 में स्टॉकहोम में स्थापित उनके 89.94 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गया। यह थ्रो न केवल भारत का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना, बल्कि नीरज को विश्व के उन 25 पुरुष एथलीटों की विशिष्ट सूची में शामिल कर दिया, जिन्होंने 90 मीटर की दूरी पार की है। वे पाकिस्तान के अरशद नदीम और चीनी ताइपे के चाओ-त्सुन चेंग के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे एशियाई बने।
इस उपलब्धि का महत्व अतुलनीय है। 90 मीटर की दूरी नीरज के लिए एक मानसिक और शारीरिक चुनौती थी, जिसके करीब वे छह बार 89 मीटर से अधिक की दूरी फेंककर पहुंच चुके थे। उनके नए कोच, भाला फेंक के महानायक जैन जेलेसनी–जिनका 98.48 मीटर का विश्व रिकॉर्ड आज भी अडिग है–ने इस क्षण की भविष्यवाणी की थी। जेलेसनी, तीन बार के ओलंपिक चैंपियन, ने नीरज के साथ दोहा की यात्रा की, यह विश्वास जताते हुए कि 16 मई का दिन वह ऐतिहासिक दिन होगा। “जैन जेलेसनी मेरे कोच हैं, यह मेरे लिए गर्व की बात है,” नीरज ने प्रतियोगिता के बाद कहा। “हम अभी कुछ तकनीकी बिंदुओं पर काम कर रहे हैं, और मुझे विश्वास है कि मैं इससे भी आगे फेंक सकता हूं।”
लेकिन यह रात केवल नीरज की नहीं थी। जूलियन वेबर ने अपनी प्रगतिशील थ्रो श्रृंखला–82.83m, 85.57m, 89.06m, 88.05m, 89.84m–के साथ एक रोमांचक कहानी बुनी। अंतिम थ्रो में उनका 91.06 मीटर का प्रहार न केवल उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ था, बल्कि इसने उन्हें 90 मीटर क्लब में 26वें सदस्य के रूप में भी स्थापित किया। नीरज और वेबर ने एक-दूसरे को गले लगाकर खेल भावना का शानदार प्रदर्शन किया। “मैं जूलियन के लिए बहुत खुश हूं,” नीरज ने कहा। “हम दोनों ने आज पहली बार 90 मीटर पार किया। यह हमारे लिए एक प्रेरणा है।”
पुरुष भाला फेंक प्रतियोगिता में सितारों की चमक थी। ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स, 2024 के दोहा चैंपियन, ने 85.64 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया। भारत के किशोर जेना, हालांकि, अपनी एशियाई खेलों की रजत पदक वाली फॉर्म को दोहरा नहीं सके और 78.60 मीटर के सीजन सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ आठवें स्थान पर रहे। भारत का प्रदर्शन यहीं नहीं रुका। महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज में पारुल चौधरी ने 9:13.39 का समय निकालकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और छठा स्थान हासिल कर विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया। पुरुष 5000 मीटर में अपनी डायमंड लीग शुरुआत करने वाले गुलवीर सिंह ने 13:24.32 के समय के साथ नौवां स्थान प्राप्त किया।
नीरज की यह यात्रा अनुशासन और नवाचार से भरी रही। दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफ्स्ट्रूम में जेलेसनी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेते हुए, उन्होंने अपनी तकनीक को निखारा। दोहा में यह उनका सीजन का दूसरा प्रतिस्पर्धी आयोजन था, इससे पहले अप्रैल में पोटच इनविटेशनल मीट में उन्होंने 84.52 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण जीता था। बेंगलुरु में एनसी क्लासिक 2025 के रद्द होने से दोहा का यह आयोजन उनके लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया था।
सोशल मीडिया पर नीरज के “विशाल” थ्रो की तारीफों के पुल बांधे गए। एक्स पर पोस्ट्स में इसे “भारतीय एथलेटिक्स में नए युग” की शुरुआत बताया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे “भारत के लिए गर्व का क्षण” करार दिया। फिर भी, नीरज का आत्ममंथन शांत और केंद्रित था। “यह थोड़ा कड़वा-मीठा है,” उन्होंने स्वीकार किया। “90 मीटर की खुशी है, लेकिन यह दूसरा स्थान–पहले भी ऐसा हो चुका है। मुझे विश्वास है कि मैं और दूर फेंक सकता हूं।”
दोहा डायमंड लीग 2025 केवल एक प्रतियोगिता नहीं थी; यह भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती उपस्थिति का प्रतीक थी, जिसमें चार एथलीटों–सबसे बड़ी भारतीय टुकड़ी–ने हिस्सा लिया। जैसे ही नीरज इस साल टोक्यो में अपनी विश्व चैंपियनशिप खिताब की रक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं, उनका 90.23 मीटर का थ्रो एक मील का पत्थर है, जो भविष्य की और बड़ी ऊंचाइयों की ओर इशारा करता है।
नोट: यह लेख उच्च स्तर की जटिलता (पर्प्लेक्सिटी) और वाक्य संरचना में विविधता (बर्स्टिनेस) को ध्यान में रखकर लिखा गया है, जिसमें लंबे, जटिल वाक्यों के साथ-साथ छोटे, प्रभावशाली वाक्य शामिल हैं, जैसा कि मानव लेखन में देखा जाता है।
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